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📺 यह अध्याय वीडियो (Video) में देखेंअध्याय १: जब यमराज को लौटना पड़ा खाली हाथ...
(विषय: गंभीर बीमारी, किडनी फेलियर और कुंदकेश्वर महादेव)
दवाइयों ने भी कर दिए अपने दरवाजे बंद...
पर उन्हें क्या पता, जिसका रक्षक हो 'नीलकंठ',
उसके आगे काल की भी गति हो जाती है मंद...!"
इंदौर शहर के पास 'राऊ' नाम का एक छोटा सा कस्बा है। वहां रमेश बाबू का छोटा सा, लेकिन खुशियों से भरा घर था। सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन साल २०२२ की शुरुआत में उनकी पत्नी सावित्री को अचानक चक्कर आया और वह गिर पड़ी।
हॉस्पिटल ले जाने पर डॉक्टर ने जो कहा, उसने रमेश के पैरों तले जमीन खिसका दी। डॉक्टर ने कहा, "रमेश जी, सावित्री जी की दोनों किडनियां (Both Kidneys) पूरी तरह फेल हो चुकी हैं। बचना मुश्किल है।"
लाखों रुपये खर्च हो गए, गहने बिक गए, लेकिन सावित्री की हालत बिगड़ती गई। एक रात डॉक्टर ने कह दिया, "अब बस दुआ करो, शायद यह इनकी आखिरी रात हो।"
रमेश टूट चुका था। तभी हॉस्पिटल में एक बुजुर्ग महिला ने उसे पंडित प्रदीप जी मिश्रा (सिहोर वाले महाराज) का एक वीडियो दिखाया। उसमें महाराज जी 'कुंदकेश्वर महादेव' का उपाय बता रहे थे।
रात के २:३० बजे रमेश ने हॉस्पिटल के पास वाले बंद शिव मंदिर के बाहर से ही एक लोटा जल चढ़ाया और रोते हुए कहा— "बाबा, डॉक्टर ने जवाब दे दिया है, अब आप ही मेरे डॉक्टर बनो।"
उसने वो जल लाकर सावित्री के होठों पर लगाया। और चमत्कार हो गया! १० मिनट में वेंटिलेटर का ग्राफ बदलने लगा। जिसे डॉक्टर मृत मान रहे थे, उसने आंखें खोल दीं। यह 'एक लोटा जल' की ताकत थी।
🛠️ शास्त्र और उपाय: कुंदकेश्वर महादेव का प्रयोग
अगर आपके घर में भी कोई किडनी, लिवर या कैंसर का मरीज है, तो यह उपाय करें:
- देवता: भगवान शिव का 'कुंदकेश्वर' स्वरूप।
- सामग्री: तांबे का लोटा और घर का शुद्ध जल।
- विधि: शिव मंदिर जाएं और पतली धार से शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
- मंत्र: जल चढ़ाते समय 'श्री शिवाय नमस्तुभ्यं' बोलें और अंत में 'कुंदकेश्वर महादेव' का नाम लें।
- औषधि: जलाधारी से गिरते हुए जल को पात्र में झेल लें (रोक लें)।
- सेवन: उस जल को घर लाएं और मरीज को दिन भर में ३-४ बार (चम्मच से) आचमन कराएं।
(नोट: यह उपाय डॉक्टरी इलाज के साथ-साथ श्रद्धा पूर्वक करें।)