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अध्याय २५ - नजर दोष उपाय

◻ शिवभक्ति का सामर्थ्य ◻

(शिवपुराण उपाय और प्रचिती - सत्य घटनाओं पर आधारित)

Chapter 25 Image

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अध्याय २५: जब 'चांद' से मुखड़े को लग गई 'ग्रहण' सी नजर... 🧿
(विषय: बच्चों का लगातार रोना, दूध न पीना, नजर दोष और राई-नमक का उपाय)

"हंसता-खेलता फूल मेरा, अचानक मुरझा गया,
किसकी काली नजर का, उस पर साया छा गया?
डॉक्टर की दवाई भी, जब हो गई बेअसर,
तब महादेव के 'उतारे' ने, दिखाया अपना असर!"

।। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं ।।

कहते हैं "नजर तो पत्थर को भी फोड़ देती है," तो फिर यह फूल सा कोमल बच्चा क्या चीज है? जब एक स्वस्थ बच्चा अचानक पागलों की तरह रोने लगे, दूध पीना छोड़ दे, तो समझ जाइए कि यह 'कुछ गड़बड़' ही 'नजर दोष' (Evil Eye) है।

📕 १. सत्य घटना: पार्टी की चकाचौंध और बच्चे की चीखें

यह कहानी जयपुर के 'रवि' और 'सपना' की है। उनके ६ महीने के बेटे 'आर्व' को एक शादी में बहुत लोगों ने देखा। घर लौटते ही आर्व का स्वभाव बदल गया। वह जोर-जोर से रोने लगा और ३६ घंटे तक चुप नहीं हुआ।

तब सपना की बुआ ने पंडित प्रदीप जी मिश्रा का उपाय बताया। बुआ ने कहा, "डॉक्टर की दवा मत छोड़, लेकिन साथ में 'तुमरुका जी' का नाम लेकर राई और नमक से उतारा कर।"

सपना ने राई-नमक से उतारा करके उसे जला दिया। चमत्कार देखिए! १० मिनट बाद आर्व शांत हो गया, उसने दूध पिया और सो गया।

✨ २. शास्त्र और उपाय: राई-नमक और तुमरुका जी ✨

(नजर उतारने की सबसे प्रामाणिक विधि)

  • सामग्री: एक मुट्ठी काली राई, ५-७ दाने खड़ा नमक (Sea Salt), और ३ साबुत लाल मिर्च (डंडी वाली)।
  • उतारा: बच्चे को देहरी पर बैठाएं। मुट्ठी में सामग्री लेकर सिर से पैर तक ७ बार (घड़ी की उल्टी दिशा में) घुमाएं।
  • मंत्र: घुमाते समय शिवजी के गण 'तुमरुका जी' (Tumruka Ji) का नाम लेते रहें।
  • नष्ट करना: सामग्री को घर के बाहर जला दें।

🔥 पहचान: अगर जलते समय मिर्च की 'धांस' (ठसका) न आए, तो नजर बहुत भारी थी।

🛡️ ३. विशेष टिप: शिव मंदिर का काला धागा

सुरक्षा कवच के लिए: एक काला धागा शिव मंदिर ले जाएं। शिवलिंग पर चढ़ा दें। फिर उसमें ७ गांठें लगाएं और हर गांठ पर 'श्री शिवाय नमस्तुभ्यं' बोलें। इसे बच्चे को बांध दें।

❓ ४. शंका-समाधान (FAQ)

🔸 क्या यह उपाय बड़ों पर कर सकते हैं?
जी हाँ। अगर कोई बड़ा सदस्य बिना वजह बीमार या चिड़चिड़ा है, तो यह उपाय करें।

🔸 किस दिन करें?
वैसे तो कभी भी, लेकिन मंगलवार, शनिवार और अमावस्या सबसे प्रभावी है।


"तुमरुका जी ने, सब विघ्न हर लिए,
मेरे लाल के चेहरे पर, फिर रंग भर दिए।"